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मैट्रिक और इंटर परीक्षा में सख्ती—75 प्रतिशत  उपस्थिति होगी अनिवार्य 

10/19/2025 6:28:04 PM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Chaibasa  : सत्र 2025-26 की मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षाओं की तैयारी को लेकर अहम दिशा-निर्देश दिए गए। जिलेभर के विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों के साथ शनिवार को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त चंदन कुमार ने की।इस बैठक का मुख्य उद्देश्य था—जिले के विद्यार्थियों की शैक्षणिक प्रगति का आकलन करना, शिक्षण की गुणवत्ता में सुधार लाना और परीक्षा परिणामों को बेहतर बनाना। उपायुक्त ने इस दौरान शिक्षा व्यवस्था में अनुशासन और जवाबदेही सुनिश्चित करने पर जोर दिया।उपायुक्त चंदन कुमार ने स्पष्ट कहा कि केवल वे ही विद्यार्थी मैट्रिक या इंटर परीक्षा में शामिल हो सकेंगे जिनकी उपस्थिति कम से कम 75 प्रतिशत होगी। कम उपस्थिति वाले विद्यार्थियों को परीक्षा फॉर्म भरने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके लिए प्रत्येक विद्यालय को यह सुनिश्चित करना होगा कि बच्चों की उपस्थिति नियमित रूप से दर्ज की जाए और इसका रिकॉर्ड पोर्टल एवं मोबाइल एप पर अपडेट किया जाए। उन्होंने कहा, “शिक्षा में नियमितता सबसे जरूरी है। जो छात्र विद्यालय नहीं आएंगे, उन्हें परीक्षा में बैठने का अधिकार नहीं मिलना चाहिए। यह नियम सभी विद्यालयों में सख्ती से लागू किया जाएगा।”
 
हर 15 दिन पर मॉडल टेस्ट :
 
बैठक में यह भी तय किया गया कि हर 15 दिन के अंतराल पर जिला स्तर पर मॉडल टेस्ट परीक्षा आयोजित की जाएगी, ताकि विद्यार्थियों की तैयारी का लगातार मूल्यांकन हो सके। इन परीक्षाओं के परिणाम के आधार पर कमजोर विद्यार्थियों को चिन्हित किया जाएगा और उन्हें अतिरिक्त सहायता प्रदान की जाएगी। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य था—जिले के विद्यार्थियों की शैक्षणिक प्रगति का आकलन करना, शिक्षण की गुणवत्ता में सुधार लाना और परीक्षा परिणामों को बेहतर बनाना। उपायुक्त ने इस दौरान शिक्षा व्यवस्था में अनुशासन और जवाबदेही सुनिश्चित करने पर जोर दिया।
दिसंबर तक पाठ्यक्रम पूरा करने का लक्ष्य :
उपायुक्त ने सभी विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिए कि जेसीईआरटी (JCERT) के निर्धारित सिलेबस के अनुसार दिसंबर 2025 तक पूरा कोर्स पूरा कर लिया जाए, ताकि जनवरी और फरवरी में विद्यार्थियों को केवल रिवीजन और प्रैक्टिस टेस्ट पर ध्यान देने का पर्याप्त समय मिले।
 
अच्छे परिणाम देने वाले विद्यालयों को पुरस्कार :
 
बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि जिन विद्यालयों के छात्र अच्छे अंक प्राप्त करेंगे या 100% परिणाम देंगे, उन विद्यालयों को जिला प्रशासन द्वारा पुरस्कार और सम्मान दिया जाएगा। यह कदम विद्यालयों को प्रतिस्पर्धी भावना से कार्य करने और शिक्षकों को और अधिक प्रेरित करने के लिए उठाया गया है।
 
विद्यार्थियों की ट्रैकिंग और प्रदर्शन विश्लेषण :
 
प्रत्येक विद्यार्थी की उपस्थिति, प्रगति और परीक्षा प्रदर्शन की निगरानी के लिए एक डिजिटल प्रणाली (एप और पोर्टल) विकसित की गई है। इस माध्यम से जिला प्रशासन को हर विद्यालय के छात्र-छात्राओं की स्थिति की जानकारी नियमित रूप से मिलती रहेगी।
 
शिक्षकों को सेवा भावना से पढ़ाने का आग्रह :
 
असिस्टेंट कलेक्टर, चाईबासा ने शिक्षकों से कहा कि वे केवल नौकरी के रूप में नहीं, बल्कि सेवा भावना और समर्पण के साथ पढ़ाने का कार्य करें। उन्होंने कहा कि शिक्षक यदि ईमानदारी और लगन से कार्य करें, तो जिले के बच्चे राज्य स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकते हैं।
 
बैठक में शामिल अधिकारी :
 
पश्चिमी सिंहभूम जिले के शिक्षा तंत्र को सुदृढ़ बनाने और विद्यार्थियों के बेहतर भविष्य की दिशा में यह कदम एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है। 75% उपस्थिति नियम, नियमित मॉडल टेस्ट और डिजिटल ट्रैकिंग जैसे प्रावधान न केवल अनुशासन लाएंगे, बल्कि विद्यार्थियों में जिम्मेदारी की भावना भी जगाएँगे।
 
 
कोयलांचल लाइव डेस्क